परस्पर प्रेम और आपसी समझ हो तो सपने हकीकत में ज़रूर बदलते हैं। परस्पर प्रेम और आपसी समझ हो तो सपने हकीकत में ज़रूर बदलते हैं।
वत्सल को बाबूजी की आँखों में अपनी बहन वीणा का दर्द साफ नजर आ रहा था। वत्सल को बाबूजी की आँखों में अपनी बहन वीणा का दर्द साफ नजर आ रहा था।
कागज की किश्तियाॅ तैराने की माद्दा पैदा करनी होगी जिसके प्रति वह संवेदनशील है। कागज की किश्तियाॅ तैराने की माद्दा पैदा करनी होगी जिसके प्रति वह संवेदनशील है।
पिताजी मन ही मन सोचने लगे मटर पनीर में वह स्वाद कहाँ जो बी डी सी में था। पिताजी मन ही मन सोचने लगे मटर पनीर में वह स्वाद कहाँ जो बी डी सी में था।
बरसात तो हर साल आती है..पर वो अब कभी नहीं आएगी.. बरसात तो हर साल आती है..पर वो अब कभी नहीं आएगी..
मैं भारत का छात्र हूँ विद्यालय मेरा मंदिर है, शिक्षा है मेरा संस्कार, सहपाठी और शिक मैं भारत का छात्र हूँ विद्यालय मेरा मंदिर है, शिक्षा है मेरा संस्कार, ...